विज्ञापन

Coaching sansthano ne banaya shiksha ka majak; bharat sarkar k serve ne kholi pol

Bhaarat m coaching centres ,shiksha ka व्यापार बने हुए हैं

जैसे-जैसे लोगों को शिक्षा का महत्व समझ आ रहा है वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश मेंलगे हुए हैं लोग अच्छे से अच्छे संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं इसी बीच कुछ व्यापारियों ने इसे अपना व्यापार बना लिया है उन्होंने बड़े-बड़े संस्थान खोलकर छात्रों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं और माता-पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मोटी रकम उन्हें दे भी देते हैं

coaching centers

शिक्षा का व्यापार

बढ़ती शिक्षा के साथ ही कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी फीस बढ़ा दी है मुंह मांगे डैम के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों का अपने बच्चों को बड़े कोचिंग सेंटर में पढ़ना मुश्किल हो गया है भारत में चाहे कंपटीशन कोई सा हो लेकिन लोग कोचिंग को प्राथमिकता देने लगे हैं समाज में एक भ्रांति बनी हुई है कि बिना कोचिंग के कहीं सिलेक्शन नहीं हो सकता 

Also Read: pm मोदी ने दिखाई हरी झंडी मारुति कि नई ev- vitara हुई लॉन्च ,जाने क्या है फिचर्स

बाजार में लॉन्च होने वाला हैं iphone 17, जाने क्या होंगे कितना अलग होगा?

सरकार भी कोई बड़ा फैसला नहीं ले रही है जिससे इन पर लगाम लगाया जा सके वही बात करें कुछ मोस्ट पॉपुलर एग्जाम्स की जैसे नित ईट यूपीएससी इनकी तो कोचिंग फीस ही 1 लाख से लगभग दो ढाई लाख तक होती है इतनी बड़ी फीस को एक मध्यम वर्ग परिवार अफोर्ड नहीं कर सकता


इंडिया में सर्वे की रिपोर्ट

coaching centers india



हाल ही में भारत सरकार के द्वारा कराए गए एक सर्वे में पता चला है कि शहरी क्षेत्र में नर्सरी से सेकेंडरी तक कोचिंग लेने वाले छात्रों का प्रतिशत 30.6 पर्सेंट जबकि की ग्रामीण क्षेत्रों में 25.6% हैं । 52085 घरों में यह सर्वे किया गया जिसमें 57742 छात्रों पर रिपोर्ट तैयार की गई है ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में छात्रों का नामांकन 66% है तथा शहरी स्तर पर प्राइवेट स्कूलों में 30 % नामांकन है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों की राष्ट्रीय स्तर पर हिस्सेदारी ज्यादा है इस रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा सत्र में लगभग एक तिहाई छात्र प्राइवेट कोचिंग्स का सहारा ले रहे हैं।

लोगों का कोचिंग सेंटर पर बढ़ता विश्वास


यूपीएससी जैसे बड़े एग्जाम्स में सफल होने की दर लगभग 0.1% से 0.3% तक होती है लेकिन फिर भी हर साल लाखों संख्या में छात्र इन कोचिंग के लिए खूब पैसा लगाते हैं कोचिंग संस्थान अपने कुछ एक सिलेक्शन के ऊपर इतने सारे विज्ञापन चलते हैं और लोगों को भ्रमित करते हैं कि यदि छात्र ने उनके संस्थान से पढ़ाई नहीं की तो वह एग्जाम में पास होगा ही नहीं।

 संस्थाओं ने विषय की गहराई और वास्तविक समझ को धीरे-धीरे विद्यार्थियों से दूर कर दिया है यह केवल निर्देशों का पालन करने तक ही सीमित रह गए हैं इस प्रवृत्ति के कारण छात्रों का रचनात्मक विकास बाधित हो रहा है छात्र सिर्फ काम चलाऊ ही पढ़ रहे हैं जिसके कारण उनके भविष्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है इसमें भविष्य में वह एक अच्छे शिक्षक भी नहीं बन सकते क्योंकि उन्हें ने तो किसी विषय के बारे में पूरी समझ होगी और न हीं ज्ञान तो इसका सीधा असर अगली पीढ़ी पर भी देखने को मिल सकता है


पढ़ाई के ज्यादा लोड से बढ़ती आत्म हत्याएं 


जैसे-जैसे कोचिंग संस्थान बढ़ रहे हैं वैसे ही स्टूडेंट्स की मानसिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं पढ़ाई के बोझ और कोचिंग के दबाव के कारण स्टूडेंट अपना स्वास्थ्य सही नहीं रख पा रहे हैं जिससे उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सेंटर्स में छात्रों में सिर्फ एक दूसरे से होड़ की प्रवृत्ति रखी जाती है जिसके कारण छात्र के लो मार्क की वजह से आत्महत्याएं जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं इसके कारण माता-पिता भी डरे हुए हैं और अपने बच्चों को डर के कारण अपने से दूर भेजने से कतराते हैं

निष्कर्ष


कहीं ना कहीं कोचिंग संस्थान के कारण उत्पन्न यह समस्या पूरे भारत की एक बड़ी समस्या बन गई है यदि जल्द इसे ठीक नहीं किया गया तो इससे भविष्य में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है अब जरूरत है कि सरकार को बड़ा कदम लेना चाहिए और इन सभी कोचिंग संस्थानों से संबंधित नियम लागू करने चाहिए जिससे इनकी मनमानी बन्द करी जाए और सभी वर्गों के छात्रों को एक बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जाए जिसमें किसी अमीर या गरीब में फर्क नहीं हो।


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.