हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि हरियाणा में इस साल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी जिससे राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके और विकसित भारत 2047 के सपने को पूर्ण किया जा सके।
आज के इस लेख में हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में और हरियाणा में लागू होने वाली शिक्षा नीति के बारे में चर्चा करने वाले हैं-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 

हरियाणा में लागू होने वाली नीति से पहले आपको यह समझने की आवश्यकता है की आखिरी ये नीति है क्या। दरअसल यह भारत सरकार द्वारा निर्मित एक शिक्षा नीति है जो भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा के क्षेत्र में भारत को ऊपर ले जाने के लिए सन 1968 में बनाई गई थी। इस नीति के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा आती है। इस दूसरी बार 1986 में और इसके बाद तीसरी बार नवीनतम "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" लागू की गई। इस नवीनतम शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम संरचना 5+ 3+3+4 है।
संविधान में उल्लेखित तथ्य
भारतीय संविधान के चौथा भाग में उल्लेखित नीति निर्देशक तत्वों में बताया गया है कि प्राथमिक स्तर तक सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा अनिवार्य प्रदान की जानी चाहिए।
हरियाणा सीएम लागू करने वाले हैं नई शिक्षा नीति
संपूर्ण भारत के 2047 तक विकसित भारत होने के सपने को लेकर "cm नायब सिंह सैनी जी" ने यह कदम उठाया है ताकि हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सके । इस अभियान के तहत राज्य में बच्चों को डिजिटल लर्निंग, लैपटॉप वितरण, छात्रवृत्ति वितरण जैसी पहले भी की जाएंगी। बच्चों को बढाती टेक्नोलॉजी के साथ अप स्किल करने के लिए ai, कोडिंग जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि भारत को आगे चलकर अच्छे रिसचर्स ,इन्नोवेशंस ,वैज्ञानिक मिल सके।
cm के द्वारा किये गये कार्य
राज्य में 1420 सरकारी संस्कृत विद्यालय ,218 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ,250 पीएम श्री स्कूल शुरू किए हैं। 10वीं 12वीं के छात्रों को 5 लाख टेबलेट वितरित किए हैं ।1201 आईसीटी लैब स्थापित की,40000 कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं ।
सीएम के अनुसार राज्य में 10 नई इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप भी स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। इसके साथ ही मुख्य्मंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को श्रद्धांजलि भी दी।
FAQ - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अध्यक्ष कौन थे ।
इसका कोई अध्यक्ष नहीं था। दरअसल यह एक सरकारी नीति थी जो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार के द्वारा प्रस्तावित की गई थी जबकि 1990 में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता और 1992 के संशोधन में जनार्दन रेड्डी की अध्यक्षता शामिल थी। वहीं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अध्यक्ष डॉक्टर के कस्तूरीरंगन थे।
यह भी पढ़ें- फिर से एक और भ्रष्ट अफसर पकड़ा गया करोड़ों के बंगले, सोना,चांदी किए जप्त,जाने क्या रहा मामला
