भारत ने हाल ही में स्वदेशी 4G तकनीक विकसित की है जिससे भारत उन पांच देशों में से एक बन गया है जिनके पास स्वयं की विकसित 4G तकनीक है। अब इससे भारत दूसरे देशों को भी 4G तकनीक निर्यात कर सकेगा।
भारत ने बनाई स्वदेशी 4G तकनीक 
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भारत की सार्वजनिक कंपनी बीएसएनएल ने 27 सितंबर 2025 को देश की निर्मित स्वदेशी नेटवर्क 4G सेवा चालू की है। इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने उड़ीसा से किया जिससे अब गांव के दूर दराज वाले क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा शुरू हो सकेगी।
इस तकनीक से देश के लगभग 2 करोड़ से अधिक लोगों को इंटरनेट का फायदा पहुंच सकेगा । यह स्वदेशी 4G नेटवर्क तकनीक देश में ही विकसित हुआ है। जो पूरी तरह से सी डॉट द्वारा तैयार किये कोन नेटवर्क पर आधारित है तथा भविष्य में इसको 5G में भी अपग्रेड किया जा सकता है ।
भारत की कंपनियों द्वारा प्रदान की गई तकनीक
इस 4G तकनीक में देश की कई बड़ी कंपनियों ने अपना योगदान दिया है जिसमें टाटा की टीसीएस, तेजस नेटवर्क जैसी कंपनियां शामिल है । टाटा के टीसीएस ने इस पूरे सिस्टम को एकीकृत करके काम करने लायक बनाया है । तेजस नेटवर्क द्वारा रेडियो एक्सेस नेटवर्क RAN तैयार किया गया है जिससे 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का उपयोग किया गया है । सी डॉट ने कोर नेटवर्क को विकसित किया है।
आत्मनिर्भर बना भारत 
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भारत भी उन पांच देशों में शामिल हो गया है जिनके पास खुद का 4G नेटवर्क है इस सूची में भारत से पहले चीन, स्वीडन ,दक्षिण कोरिया और डेनमार्क शामिल है । अब देश को पूरी तरह से आयात पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है ।देश अपनी इस तकनीक और उपकरणों को अन्य देशों को भी निर्यात कर सकेगा।
कई गांवों को भी मिलेगा फायदा
बीएसएनएल द्वारा लांच किए गए 4G नेटवर्क का उपयोग अब 30000 से अधिक गांव के 2.2 करोड़ से अधिक लोग फायदा उठा पाएंगे। जिससे दूर दराज के क्षेत्र, पहाड़ी इलाकों ,रेगिस्तान में मौजूद फौजियों और आम जनता आदि को नेटवर्क सुविधा उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने 98000 4G टावरों का भी शुभारंभ किया है।