हाल ही में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बड़ी जानकारी दी है जिसमें अब कॉलेज और स्कूलों में भारतीय प्राचीन आयुर्वेद को सिलेबस में जोड़ा जाएगा जिससे आयुर्वेद को असली पहचान मिल सकेगी। एनसीईआरटी ,यूजीसी मिलकर यह बदलाव करने वाले हैं । इस पाठ्यक्रम की अगले साल से लागू होने की संभावना की जा रही है ।
अब स्कूल और कॉलेज में भी होगी आयुर्वेद की पढ़ाई
आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करके यह जानकारी दी है। एनसीईआरटी और यूजीसी आयुर्वेद को स्कूल और कॉलेज के सिलेबस में जोड़ने वाले हैं । इसके लिए उन्होंने पूरा रोडमैप भी तैयार कर लिया है । इस पाठ्यक्रम के अगले एकेडमिक सेशन से लागू होने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।
आयुर्वेद को हायर एजुकेशन में शामिल करने से देश की नई पीढ़ी को समग्र स्वास्थ्य से जुड़ी प्राचीन भारतीय परंपरा से अवगत कराया जा सकेगा । भारत के बेहतरीन आयुर्वेद के इतिहास को उजागर किया जा सकेगा । साथ ही दूर दराज के क्षेत्रों,गांव,रेगिस्तानी इलाकों में आयुर्वेद चिकित्सक उपलब्ध कराये जा सकें।
WHO के साथ मिलकर होंगे मानक तय
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, CCRAS और अन्य संस्थाओं के माध्यम से अभी ट्रायल किया जा रहे हैं । साथ ही आयुर्वेद पाठ्यक्रम की उच्च क्वालिटी के लिए who के साथ मिलकर स्टैंडर्ड मानक तैयार किये जा रहे हैं । इससे आगे चलकर आयुष शोधकर्ताओं को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान होगी।
गांव दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंच सकेंग आयुर्वेदिक चिकित्सक
देश में चिकित्सकों की कमी भारी समस्या है । इसके लिए सरकार हर साल मेडिकल सीटें भी बढ़ा रही है साथ ही आयुश डॉक्टरों को भी सरकार द्वारा दूर दराज के क्षेत्रों, रेगिस्तान ,पहाड़ी इलाकों ,वन क्षेत्र आदि में नियुक्त किया जा रहा है। जिससे लोगों को अच्छा और समय पर उपचार मिल सके। साथ ही भारत के प्राचीन आयुर्वेद इतिहास को भी लोगों से रूबरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
--समाप्त--
also read - मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी,केंद्र सरकार ने ug, pg की बढ़ाई सीटें,जाने पुरी खबर

