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2050 तक गायब होने वाले है क्लासरूम,बदल जायेगा शिक्षा का रूप,जाने पूरी खबर

 क्या आपको पता है कि साल 2050 तक शिक्षा का क्या रूप होगा बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे ,टीचर्स कैसे पढ़ाएंगे तो आपको बता दें साल 2050 तक क्लासरूम गायब होने वाले हैं। जी हां क्लासरूम 2050 तक गायब हो जाएंगे सब कुछ ऑफलाइन से ऑनलाइन शिफ्ट होने वाले हैं। क्या बदल जाएगा शिक्षा का रूप लिए जानते हैं इस लेख में - 


2050 तक क्या गायब हो जाएंगे क्लासरूम 
2050 तक गायब होने वाले है क्लासरूम,बदल जायेगा शिक्षा का रूप,जाने पूरी खबर


आप जैसा सोचते हैं कि जैसे आपने अपने स्कूल में पढ़ाई की थी क्या आपको ऐसा ही आपकी अगली पीढ़ी के लिए लगता है तो इसका जबाब है "बिल्कुल नहीं"। आपने और हमने और अभी तक जो शिक्षा का रूप है वह आगे चलकर ऐसा ही नहीं रहने वाला है । आगे चलकर यह और भी विकसित हो जाएगा। आजकल जिस तरह स्कूल में बच्चों को सिर्फ रटना सिखाया जाता है उन्हें किसी चीज की समझ नहीं होती। यह सब आगे चलकर नहीं होगा । 


आगे बच्चों को नई शिक्षा दी जाएगी जिससे वह पढ़ाई को रटें नहीं,वह पढ़ाई को समझ भी सकेंगे और स्कूल में भी कुछ नया मिलेगा, उन्हें सीखने के लिए । 2050 में सभी स्कूल में AI जैसे कई फीचर्स आ जाएंगे जिससे पढ़ाई और भी आसान हो जाएगी । शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता मिलेगी बच्चों को और आगे चलकर यह सब देश के विकास को प्रेरित करेंगे। 


वर्तमान शिक्षा पद्धति 
2050 तक गायब होने वाले है क्लासरूम,बदल जायेगा शिक्षा का रूप,जाने पूरी खबर


वर्तमान में जो शिक्षा पद्धति है वह अंग्रेजों द्वारा प्रदान की गई है इस पद्धति में बच्चों को कॉन्सेप्ट के बारे में सिर्फ हटाया जाता है न की समझाया । इस पद्धति से बच्चों की सोचने समझने की क्षमता पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। हॉवर्ड ग्रैजुएट स्कूल आफ एजुकेशन ने हाल ही में हुए एक सर्वे ने कॉग्निटिव साइंटिस्ट हावर्ड गार्डनर ने कहा कि सबको एक जैसी पढ़ाई कराना ,एक जैसा मूल्यांकन करना ,यह सभी 2050 तक बिल्कुल पुराने हो जाएंगे । 

साथ ही बच्चों को 18 साल तक हटाना या परीक्षा को अंतिम पैमाना मानना नहीं रहने वाला है । अंग्रेजों ने अपनी शिक्षा व्यवस्था ऐसे फैलाई है कि जो व्यक्ति रटने में माहिर होगा उसको पुरस्कृत किया जाएगा और रटने से अलग सोचने वाले व्यक्ति को असफलता का लेवल लगाकर अलग कर दिया जाएगा । 


निष्कर्ष 


जरूरत है वर्तमान शिक्षा पद्धति को बदलने की नई सोच की, नये बदलाव की, नये विकास की ,नई पीढ़ी की ताकि भारत सिर्फ एक देश न रहकर विश्व गुरु बन सके और अपने में समाहित नए टैलेंट, नई सोच को देश दुनिया के आगे प्रस्तुत कर सके ।


       --समाप्त--


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