हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बच्चों को पाठ्यक्रम भी उपलब्ध नहीं कराया गया है आधी सत्र खत्म होने को है और बच्चों को अभी तक यह भी नहीं पता कि उनकी किताबें दिखती कैसी है। आज के इस लेख में बच्चों को मिलने वाले पाठ्यक्रम से संबंधित जानने वाले हैं-
यूपी में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही बच्चों को नही मिली पुस्तकें
उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से बड़ी लापरवाही नजर आ रही है इसमें उन्होंने अभी तक सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताब भी उपलब्ध नहीं कराई है । शैक्षणिक सत्र 2025 -26 का लगभग आधा सत्र खत्म होने को गया है बच्चे बिना किताब के ही पढ़ाई करने को मजबूर हो गए हैं ।
इससे बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है उन्हें अभी तक यह नहीं पता कि वह क्या पढ़ रहे हैं बिना किताबों के बच्चों को किसी टॉपिक की पूरी समझ विकसित नहीं हो सकती । इसमें सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है लेकिन सरकार अभी तक कुछ फैसला नहीं ले सकी । सिस्टम की लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ? बच्चों की शिक्षा पर लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ?
पुस्तक कहां उपलब्ध नहीं करायी गई है
सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं लेकिन यूपी में अभी तक यह किताब में विरोध नहीं कराई गई है इसमें से कई प्राइमरी स्कूल, इंटर कॉलेज आदि हैं । यूपी के कस्तूरबा कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 6 से कक्षा आठ तक अभी भूगोल, हिंदी गणित ,विज्ञान जैसी विषय की किताब भी उपलब्ध नहीं कराई गई है । वहीं जेपी साहु इंटर कॉलेज में गणित और विज्ञान जैसी पुस्तक भी उपलब्ध नहीं हो पाई है ।
शिक्षक और अभिभावक दोनों परेशान
पुस्तकें नही मिलने से शिक्षक और अभिभावक दोनों ही परेशान है । शिक्षकों को सिलेबस कराने ,गृह कार्य देने आदि की समस्या आ रही है । वही अभिभावकों को उनके बच्चों को गृह कार्य न मिलने से, पढ़ाई कम होने जैसी समस्याएं आ रही है । इसको लेकर कई जिलों में शिक्षक और अभिभावकों ने मांग उठाई है कि जल्द से जल्द विद्यालय में निशुल्क पुस्तक उपलब्ध कराई जाए ।
--समाप्त--
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