बिहार के सरकारी शिक्षकों को भुगतान में मिलने का कारण
बिहार में विभिन्न सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को दीपावली दशहरा तक भुगतान मिलने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को भुगतान नहीं मिलने का कारण तकनीकी भर्ती प्रक्रिया है। जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा की जाने वाली इस प्रक्रिया में देरी और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से भुगतान रुका हुआ है । शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षणिक प्रमाण पत्रों को इस शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है ।
इसके अलावा शिक्षकों के नाम मोबाइल नंबर ,जन्म तिथि व डाटा मिसमैच या प्राण नंबर जनरेट ना हो पाने के कारण एचआरएमएस पर ऑन बोर्डिंग जैसी समस्याएं आ रही हैं। भुगतान न होने का एक कारण tre - 3 के तहत दूसरे जिले में चयन होने वाले कुछ शिक्षक जिन के कागजात अभी तक पुराने जिले से नहीं आए हैं माना जा रहा है।
40000 शिक्षकों को अपना भुगतान कैसे मिलेगा
भुगतान के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से एक नई पहल की गई है। जिसमें शिक्षकों को त्योहारों से पहले भुगतान के आदेश जारी किए हैं।
शिक्षा से संबंधित नेताओं और विभाग के बीच संवाद और सुलह करने के प्रयास किया जा रहे हैं।
इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
भुगतान में मिलने वालों में कुछ प्रधानाध्यापक tre -3 के तहत नियुक्त शिक्षक शामिल हैं। इसमें मुजफ्फरपुर के भी लगभग 1300 शिक्षक शामिल है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक पत्र में बताया गया है कि हाल ही में नियुक्त हुए प्रधानाध्यापक प्रधान शिक्षकों में से अधिकांश को प्राण पहले ही आवंटित की जा चुके हैं तथा कुछ का एचआरएमएस भी उपलब्ध है। ऐसे शिक्षकों का भुगतान करने में सरकार को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
निष्कर्ष-
शिक्षा विभाग 40000 शिक्षकों प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षकों को अपना भुगतान दिलाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए एचआरएमएस उपलब्ध कराए जाने हैं और कुछ जिलों से पुराने कागजात, डाटा समस्या जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है । जल्द ही शिक्षकों को त्योहारों से पहले खुशखबरी के रूप में अपना भुगतान जारी कर दिया जाएगा।

